रानीखेत – उत्तराखण्ड के मैदानी क्षेत्रों से लेकर पहाडी क्षेत्रों में गुलदार का आतंक थमने का नाम नही ले रहा है। पर्यटन नगरी रानीखेत विघानसभा में गुलदार दहशत थमनें का नाम नही ले रहा है। स्थानीय ग्रामीण हेमन्त सिंह रौतेला ने वन क्षेत्राघिकारी रानीखेत तापस मिश्रा द्वारा प्रभागीय वनाघिकारी अल्मोडा दीपक सिह को ज्ञापन भेजा। स्थानीय ग्रामीण हेमन्त सिंह रौतेला ने कहा बीते 10 अगस्त 2023 क्षेत्र पंचायत ताड़ीखेत की बैठक विकास खण्ड ताड़ीखेत की बैठक में आयोजित की गई थी। जिसमें मैने जिला पंचायत अघ्यक्ष प्रतिनिधि के रूप में बैठक में प्रतिभाग किया। वन विभाग से अपने क्षेत्र में जंगली जानवरों ;बाग, तेंदुए आदि की संख्या की गणना व निगरानी हेतु ट्रेप कैमरों के लगवाने की विभाग से मांग थी। जिससे क्षेत्र में संक्रिय जंगली जानवरों की गणना एवं सक्रियता का पता चल सके, कि विभिन्न क्षेत्रों में कितने जंगली जानवर संक्रिय हैं। वर्तमान में बग्वाली-रौतेला, सिंगोली-डोबा, तड़ी ज्यूली- सिरखें आदि क्षेत्रों में गुलदार /बाघ द्वारा कईं पालतू जानवरों को मारा गया है और गांव घरों में दिन दहाड़े गुलदार /तेदुएं देखे जा रहे हैं। जिससे लोगों में दहश्त का माहौल है एवं ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूली बच्चे का रानीखेत पैदल आना-जाना करते हैं। जिससे उनको भी खतरा बना रहता है।
गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में पिंजरा लगाने की मांग को लेकर वन क्षेत्राघिकारी रानीखेत को सौपा ज्ञापन
